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मैं इश्क करने की सजा पा गया हूं-हिंदी शायरी | शायरी संग्रह

मैं इश्क करने की सजा पा गया हूं उस बेवफा से जोरदार ठोकर खा गया हूं खूबसूरती को देखकर दिल गवा बैठा था सारे भ्रम मिटने लगे हैं अक्ल ठिकाने पर आ गया हूं

हर बात पर रुठ जाती है मनाने में दिन गुजरने लगा है उसके इशारे पर चलता हूं जो कहती है वही काम करता हूं इश्क में गुलाम हो गया हूं जो कर रहा हूं क्या इसी को प्यार कहते हैं

उसके ख्वाबों खयालों में जी रहा हूं मुझे नींद नहीं आती है कुछ इस तरह से मोहब्बत करने लगा हूं मेरा दिल कहने लगा है साथ पाने को कुछ भी कर जाऊंगा

मुझे तो हो चुका है दुआ करता हूं तुम्हें भी हो जाए हमेशा नेटवर्क बना रहे दिल की हर बात ऑनलाइन हो जाए धीरे धीरे लगाव इतना बढ़े उम्र भर का साथ हो जाए

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मोहब्बत है तो कह दो क्यों खामोश रहती हो जो आंखों से इजहार किए जा रही हो बात सुनने को बेताब रहने लगा हूं Shayari photos Love shayari love shayari Hindi shayari Hindi shayari Hindi shayari